स्वतंत्रता संग्राम सेनानी- पंडित शिव दुलारे मिश्र

पंडित शिव दुलारे मिश्र बिलासपुर के महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। इनका जन्म 1880 में हुआ था। उन्होंने बिलासपुर के गवर्नमेंट मल्टीपरपज स्कूल से हाई स्कूल की पढ़ाई की थी, जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व गवर्नर ई. राघवेंद्र राव उनके सहपाठी थे। कोलकाता के नेशनल मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया। जहां से उन्होंने डॉक्टर की डिग्री हासिल की।
चिकित्सक के रूप में · डॉ शिव दुलारे मिश्र बिलासपुर शहर तथा इसके आसपास के इलाके के काफी लोकप्रिय चिकित्सक थे। वे रोग की त्वरित पहचान तथा इलाज मे काफी निपुण थे। जिससे दूर-दूर के लोग उनसे इलाज करवाने आते थे।  राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन मे योगदान- · डॉ. शिव दुलारे मिश्र राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत होकर राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष में शामिल हुए। तथा बिलासपुर में रहकर ही स्वतंत्रता आंदोलन में सहयोग किया। इस दौरान उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्यता ग्रहण किया तथा अपना सक्रिय योगदान देते रहे। उन्होंने कई वर्षों तक डिस्टिक काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। · उत्तरप्रदेश के सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिकुमार भारती को बिलासपुर लाने में उन्होंने प्रमुख योगदान दिया। · स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान स्कूल कालेज का बहिष्कार कर चुके स्कूली विद्यार्थियों के लिए बिलासपुर मे भी राष्ट्रीय विद्यालय खोला गया, जिसका सफल संचालन उन्होंने किया। · 17 मई 1930 को ठाकुर छेदीलाल की अध्यक्षता में हुए जिला राजनीतिक परिषद के सम्मेलन में डॉ शिव दुलारे मिश्र ने लिखित प्रस्ताव रखा कि कुछ शासकीय भावनों पर विशेष अवसरों पर झंडा फहराया जाए। डॉ. मिश्र के इस विचार इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए 27 जनवरी 1930 को नगर पालिका समिति की बैठक बुलाई गई और बहुमत से यह प्रस्ताव पारित भी कर दिया गया। 4 अगस्त 1930 को क्रांति कुमार भारती की अगुवाई में बिलासपुर के टाउन हाल में झंडा फहराने के लिए एक जुलूस निकला तथा सत्याग्रहियों ने टाउन हॉल तक पहुंचकर झंडा फहराया। इस जुलूस मे डॉ. मिश्र भी शामिल थे, तथा सत्याग्रहियों के साथ गिरफ्तार भी हुए। · डॉ. शिव दुलारे मिश्र महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित थे। 1933 ई. में महात्मा गांधी के रायपुर आगमन के दौरान उन्होंने गांधी जी के बिलासपुर आगमन की भी मांग रखी तथा गांधी जी के बिलासपुर दौरे के कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया, इससे क्षेत्र में लोगों का उत्साहवर्धन हुआ।

मुख्य परीक्षा हेतु संभावित प्रश्न

प्रश्न० छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता आंदोलन में डॉ. शिव दुलारे मिश्र के योगदान पर लेख लिखिए? (100 शब्दों में / 8 अंक )

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