कोरोना नियंत्रण के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा उठाए गए कदम

‘रोको अउ टोको’ अभियान

शुभारंभ- 9 अप्रैल 2021, रायपुर नगर निगम से

यूनिसेफ के साथ रायपुर जिला प्रशासन और समाज सेवी संगठन ‘समर्थ’ द्वारा संयुक्त रुप से

उदेश्य- कोविड संक्रमण रोकने, शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने और लोगों में कोविड अनुरूप व्यवहार को सुनिश्चित करने

अभियान के तहत 600 वालंटियर रायपुर नगर निगम के 70 वार्ड में झुग्गी बस्तियों, विभिन्न मोहल्लों और अपार्टमेंट में जाकर लोगों को सामाजिक दूरी का पालन करने , मास्क का उपयोग करने, हाथों की साफ सफाई का ध्यान रखने और वैक्सीनेशन कराने के लिए प्रेरित करेंगे।

राजनांदगांव जिले में ‘रोको अउ टोको ‘रथ

कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे, प्रोटोकाल का पालन करने और कोविड वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता के लिए कलेक्टोरेट परिसर से ‘रोको अउ टोको’ रथ को झंडी दिखाकर रवाना किया।

यह रथ यूनीसेफ के अंतर्गत एनसीसीआर द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने तथा कोविड वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता बढ़ाने का कार्य करेगा ।

यूनीसेफ के वालेन्टियर द्वारा शहर के अनेक स्थानों पर कैनोपी लगाकर वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया, मास्क सही से पहनना, हाथों को नियमित धोने या सेनेटाइजर का उपयोग करने तथा आपस में दो गज की दूरी बनाए रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।

इसके माध्यम से कोविड टीकाकरण को लेकर किसी के मन में डर, भ्रांति या झिझक है, तो उन्हें समझाने तथा टीकाकरण की प्रक्रिया और लाभ के बारे में बताया जाएगा।

रायपुर नगर निगम के ‘ऑक्सीजन ऑन व्हील्स’, एम्बुलेंस सेवा और खाद्यान्न वितरण कार्य का किया शुभारंभ

तीन महत्वपूर्ण सेवाओं का ऑनलाइन शुभारंभ

‘ऑक्सीजन ऑन व्हील्स’ नाम से होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की घर पहुंच सेवा,

कोरोना मरीजों को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर लाने-ले जाने के लिए निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा

जरूरतमंदों के लिए निःशुल्क सूखा राशन वितरण कार्य का शुभारंभ।

कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए अमरीका के मेयो क्लिीनिक और छत्तीसगढ सरकार के बीच सहयोग

मेयो क्लिीनिक के डॉक्टरों द्वारा छत्तीसगढ़ के चिकित्सकों और पैरामेडिल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जायेगा।

इसके अतिरिक्त राज्य के चिकित्सक, छत्तीसगढ़ के मरीजों के संबंध में मेयो क्लिीनिक के डाक्टरों के साथ चिकित्सकीय परामर्श भी कर सकेंगे।

फ्रंट लाईन वर्कर

राज्य सरकार द्वारा फ्रंट लाईन वर्कर की सूची में जिन श्रेणियों को शामिल किया है उनमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिभाषित कोमार्बिडिटी वाले व्यक्ति, भोजन प्रदाय करने वाले एवं सब्जी विक्रेता, बस ड्राइवर कंडक्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, पंचायत सचिव/कर्मी, पीडीएस दुकान प्रबंधक और विक्रेता, इंसटिटुशनल केयर में रहने वाली महिलाएं, गांव के कोटवार एवं पटेल, राज्य सरकार के कर्मचारी, राज्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी और उनके इमिडियेट परिजन शामिल हैं। 
इसी तरह इस सूची में वृद्धाश्रम में, महिला देखभाल केन्द्रों एवं बाल देखभाल में कार्यरत व्यक्ति, शमशान, कब्रिस्तान में कार्यरत व्यक्ति, दिव्यांग व्यक्ति, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली अर्धशासकीय संस्थाओं जैसे- प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, मार्कफेड, सहकारी बैंक में कार्यरत कर्मचारी, कलेक्टर द्वारा कोरोना ड्यूटी पर लगाए गए व्यक्ति, राज्य शासन द्वारा परिभाषित किसी अन्य श्रेणी के व्यक्ति को भी शामिल किया गया है।

राज्यआपदा मोचन निधि से 50 करोड़ रू.की मंजूरी

राज्य सरकार ने कोविड संक्रमण की रोकथाम हेतु नमूनों के संकलन(Sample Collection), स्क्रीनिंग, नवीन प्रयोगशालाओं की स्थापना, डॉक्टरों एवं नर्सों की संविदा भर्ती, कोविड अस्पतालों में आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने आदि के लिये राज्य आपदा मोचन निधि से 50 करोड़ रू. ज़ारी किया है।

सरकार इस फण्ड से 192.37 करोड़ रुपये इससे पहले भी जारी कर चुकी है।

 राज्य आपदा मोचन निधि(एस.डी.आर.एफ.) क्या है?
 · इसका गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 48 (1) (ए) के तहत किया गया है।
 · यह राज्य सरकार के पास उपलब्ध प्राथमिक निधि है जो अधिसूचित आपदाओं दौरान तत्काल राहत प्रदान करने के लिए आवश्यक व्यय की  पूर्ति करने के लिए उपयोग में लायी जाती है।
 · इसका गठन 13वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया है।
 · छत्तीसगढ़ राज्य में एसडीआरएफ की निर्धारित राशि केंद्र:राज्य-75%:25% के अनुपात में विभक्त होती है।
 · भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रतिवर्ष इसका ऑडिट किया जाता है।

अत्यावश्यक सेवाओं की निरन्तरता बनाये रखने के लिए राज्य सरकार ने “अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979” लागू किया

निम्नलिखित सेवाओं को एस्मा एक्ट के दायरे में लाया गया  है-

समस्त शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय संस्थानों में समस्त स्वास्थ्य सुविधायें,

डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मी,

स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता कार्यकर्ता,

मेडिकल उपकरणों की बिक्री, संधारण एवं परिवहन,

दवाईयों एवं ड्रग्स की बिक्री,परिवहन एवं विनिर्माण,

एम्बुलेंस सेवाएं,

पानी एवं विद्युत की आपूर्ति,

सुरक्षा संबधी सेवाएं,

खाद्य एवं पेयजल प्रावधान एवं प्रबंधन

बीएमडब्ल्यू प्रबंध

आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्‍मा- Essential Services Management Act) क्या है ? 
 · विपरीत तथा आपदाकालीन परिस्थितियों में अत्यावश्यक सेवाओं की आबाध आपूर्ति को बनाये रखने के लिए राज्य सरकारों के द्वारा एस्मा कानून लागु किया जाता है। 
 · एस्‍मा अधिकतम छह महीने के लिये लगाया जा सकता है।
 · सरकार इसे सरकारी क्षेत्रों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों में भी लागू कर सकती है।
 · यह कानून जिस सेवा पर एस्मा लगाया जाता है, उससे संबंधित कर्मचारियों को कार्य बंद करके हड़ताल पर जाने की अनुमति नहीं होती है।   ऐसा करने पर उन्हें बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है, साथ ही छह माह कारावास या अर्थदंड अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
   

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