वित्तीय वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ में मनरेगा की स्थिति

प्रदेश में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कार्यों के मजदूरी भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 3545 करोड़ 34 लाख 47 हजार रूपए स्वीकृत किए गए हैं।

· भारत सरकार द्वारा वर्ष (2020-21) में मजदूरी मद में स्वीकृत राशि=> 3354 करोड़ 21 लाख 66 हजार रूपए

· छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मनरेगा के अंतर्गत 50 अतिरिक्त दिनों के रोजगार के मजदूरी भुगतान हेतु स्वीकृत राशि=>  191 करोड़ 12 लाख 81 हजार रूपए

· 17 करोड़ मानव दिवस लक्ष्य के विरूद्ध 18,15,87,012  मानव दिवस रोजगार सृजन किया गया।

· राज्य में 30,55,453 परिवारों के 60,03,678 श्रमिकों को काम दिया गया।

· 5,92,050 परिवारों को 100 दिनों से अधिक का रोजगार मुहैया कराया गया।

भारत सरकार द्वारा मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु 13.50 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट स्वीकृत किया गया था। 
राज्य सरकार के प्रस्ताव के अनुरूप केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए लेबर बजट का संशोधित लक्ष्य बढ़ाकर 17 करोड़ मानव दिवस कर दिया है।  

छत्तीसगढ़ मनरेगा में रोजगार देने में देश में पहले स्थान पर

लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 107 % से अधिक काम

मनरेगा लागू होने के बाद से प्रदेश में रिकॉर्ड संख्या में रोजगार।

इस साल अब तक 16.07 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है जो कि 15 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजन के लक्ष्य से 1 करोड़ अधिक है।

मनरेगा के अंतर्गत प्रतिदिन मजदूरी दर अब 193 रूपए
नई दर 1 अप्रैल 2021 से  प्रभावी
छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) श्रमिकों को 1 अप्रैल 2021 से प्रतिदिन 193 रूपए मजदूरी मिलेगी। 
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 190 रूपए मजदूरी दर निर्धारित थी। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए इसमें तीन रूपए की बढ़ोतरी की गई है।

संभावित लाभ

· ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन कार्यक्रम के संचालन को बल मिला है।

· ग्रामीणों को घर के पास ही काम मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। मनरेगा के जरिए गैर कुशल श्रमिकों के आय संवर्द्धन में मदद मिली है।

· ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचनात्मक विकास कार्यों को गति मिली है। उदाहरण के लिए सड़क रोड कनेक्टिविटी, जल संवर्द्धन, कृषि भूमि सुधार आदि । 

· इससे कोरोना काल में बड़ी संख्या में प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों को भी तत्काल रोजगार उपलब्ध कराया जा सका।

· मनरेगा के तहत बढ़े हुए काम से मजदूरी के रूप में ग्रामीण श्रमिकों के हाथों में ज्यादा राशि पहुंची और गांवों की अर्थव्यवस्था सशक्त हुई है।

· राज्य में बेरोजगारी दर में कमी दर्ज की गई है। सीएमआईई  की हालिया रिपोर्ट (छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर- 3%)।

मुख्य परीक्षा हेतु संभावित प्रश्न

प्रश्न० मनरेगा का प्रभावी क्रियान्वयन ग्रामीण से नगरीय क्षेत्रों की ओर होने वाले प्रवासन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।  छत्तीसगढ़ के विशेष संदर्भ में इस कथन का परीक्षण कीजिये? (100 शब्दों में / 8 अंक)

प्रश्न० कोरोना काल में राज्य सरकार के द्वारा मनरेगा योजना के तहत किये गए प्रयासों को बताइए? (100 शब्दों में / 8 अंक)

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