· पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ से डोंगरगढ़ का चयन किया गया है।
· यहाँ पर 43.33 करोड़ रूपए की लागत से मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर की पहाड़ी और प्रज्ञा गिरी पहाड़ी पर पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
· साढ़े नौ एकड़ भूमि पर श्री यंत्र के आकार का पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर बनाया जाएगा।
· यह डोंगरगढ़, प्रज्ञागिरी और चंद्रगिरी पहाड़ी पर चढ़कर नीचे देखने पर श्रीयंत्र की तरह दिखाई देगा।
· डोंगरगढ़ में पर्यटन सुविधाओं के विकास और सौंदर्यीकरण से यह देश के पर्यटन मानचित्र पर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित हो जाएगा।
प्रसाद योजना
प्रसाद योजना “तीर्थयात्रा कायाकल्प और अध्यात्म प्रचार अभियान (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive (PRASAD))” एक केंद्रीय योजना है जो धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए देश भर में तीर्थ स्थलों की पहचान करने और उनके आस पास पर्यटन सेवाओं को विकसित करने पर केंद्रित है।
पर्यटन मंत्रालय के तहत भारत सरकार ने वर्ष 2014-2015 में प्रसाद योजना शुरू की थी।
चंद्रगिरी पहाड़ी
यह पहाड़ी जैन धर्मावलंबियों के आस्था का केंद्र है जहाँ राजस्थान के लाल पत्थर तथा पीले पत्थरों से भव्य जैन मंदिर का निर्माण किया जा रहा हैं। साथ ही मंदिर के गुंबद और गर्भगृह में 150 क्विंटल शीशम की लकड़ी से कलाकृति बनाई जा रही है।
यहां भगवान चंद्रप्रभु की 21 फीट ऊंची पद्मासन मुद्रा में प्रतिमा स्थापित की गई है। जो गर्भगृह में स्थित है।
पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर में ध्यान केंद्र, विश्राम कक्ष, प्रसाद कक्ष, सांस्कृतिक मंच, क्लॉक रूम, सत्संग कक्ष, प्रदर्शनी गैलरी, टॉयलेट, पेयजल, लैंडस्कैपिंग, सोलर लाईट और पार्किंग स्थल का निर्माण कराया जाएगा।