पक्षी महोत्सव का आयोजन 31 जनवरी से 2 फ़रवरी तक बेमेतरा जिले के गिधवा-परसदा में किया गया।
100 एकड़ में फैले पुराने तालाब के अलावा इस क्षेत्र में 125 एकड़ के जलभराव वाला जलाशय है। इसलिए यह क्षेत्र प्रवासी पक्षियों का अघोषित अभयारण्य माना जाता है।
सर्दियों का मौसम के शुरुआत होने के साथ अक्टूबर से मार्च के बीच यहां यूरोप, मंगोलिया, बर्मा और बांग्लादेश से पहुंचते हैं। जलाशय की मछलियां, गांव की नम भूमि और जैव विविधता इन्हें आकर्षित करती है।
यह पक्षी महोत्सव प्रदेश में अपनी तरह का पहला आयोजन है।
इस दौरान विविध प्रजातियों के पक्षियों की जानकारी वाली पुस्तिका ‘बर्डस‘ का भी विमोचन किया गया।
क्या आप जानते हैं?
गिधवा और परसदा दोनों वॉटर बॉडी में गैडवाल, नॉर्थन पिनटेल, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड कॉमन पोचार्ड, मार्श, सेंड पाइपर, कामन सेंड पाइपर, कॉमन ग्रीन शेंक, कामन रेड शेंक आदि पक्षी प्रजातियाँ हजारों की तादाद में दिखाई देती हैं।
नवीन घोषणाएँ
· गिधवा-परसदा क्षेत्र में पक्षी जागरूकता एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना होगी।
· राज्य के समस्त वेटलैंड का संरक्षण एवं प्रबंधन किया जायेगा।
· प्रवासी पक्षियों के संरक्षण की योजना छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड बनाएगा।
“गिधवा-परसदा के तर्ज पर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा ‘हमर चिरई, हमर चिन्हारी’ के अंतर्गत बिलासपुर वनमंडल के ग्राम कोपरा में 21 फरवरी 2021 को एक दिवसीय पक्षी महोत्सव का भी आयोजन किया गया।”