· गौठानों में वर्मी खाद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, गोबर दीया, गमला, अगरबत्ती निर्माण सहित अन्य गतिविधियां महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित की जा रही है।
· सरगुजा से बस्तर तक लघु वनोपजों के प्रसंस्करण के काम को भी गौठानों तक जोड़ा गया है।
· गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय के लिए सहकारिता सहित अन्य विभागों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार किया गया है।
· गोधन न्याय योजना सहित प्रदेश के गौठानों में मशरूम उत्पादन, कुक्कुट उत्पादन, मछली पालन, बकरी पालन, राइस मिल, कोदो-कुटकी और लाख प्रोसेसिंग जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिला है।
· गौठानों में अधिक से अधिक आर्थिक गतिविधियां संचालित कर महिलाओं और ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ा जा सकता है।
· इस प्रकार गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित कर सुराजी गांव की कल्पना साकार किया जा सकता है।
मुख्य परीक्षा हेतु संभावित प्रश्न
प्रश्न० गौठानों को मल्टीऐक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित कर किस प्रकार ग्रामीण विकास तथा रोजगार सृजन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है? (100 शब्दों में / 8 अंक)
प्रश्न० गौठान सुराजी ग्राम संकल्पना के आधार स्तंभ हैं, टिप्पणी लिखिए? (60 शब्दों में / 4 अंक)