➤अधिगम का संक्रीर्ण अर्थ-सीखना
➤व्यापक अर्थ – अधिगम व्यवहार में परिवर्तन की एक प्रक्रिया है।
➤सन् – 1905 में सर्वप्रथम व्यवहार शब्द का प्रयोग मैक्डूगल ने अपनी पुस्तक Out Line Of Psychology में व्यवहार शब्द काे परिभाषित किया था।
➤ अभ्यास प्रशिक्षण और अनुभव के कारण व्यक्ति के व्यवहार में आये स्थाई परिवर्तन को अधिगम कहते है।
⇰ इन कारणों से परिवर्तन सम्भव है–
1- परिपक्वता
2- बिमारी
3- थकान
4- संवेगात्मक विकास
5- मादक पदार्थों का सेवन
6- मूल प्रवृत्ति [ वह कार्य जो जन्म जात होते हैं ]
Note– इन कारणों से व्यवहार में आये परिवर्तन को अधिगम नहीं कहते हैं।
⇰ अधिगम की परिभाषा –
➤ क्रो-क्रो के अनुसार- सीखना आदतों अभिवृत्तियों का अर्जन है।
➤ गिलफोर्ड के अनुसार –व्यवहार के कारण व्यवहार मे आया कोई भी परिवर्तन अधिगम कहलाता है।
➤ विलियम वुडवर्थ- 1 अधिगम विकास की एक प्रक्रिया है
2 नवीन ज्ञान और प्रतिक्रियाओं का अर्जन अधिगम है।
➤ स्कीनर के अनुसार – सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामान्जस्य / अनुकूलन की प्रक्रिया है।
➤ गेट्स एवं अन्य के अनुसार – सीखना अनुभव और प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में परिवर्तन है।
⇰ अधिगम की विशेषताऍं –
➤ अधिगम जीवन पर्यन्त चलता है
➤ अधिगम उदृेश्य पूर्णं होता है।
➤ अधिगम व्यवहार में परिवर्तन है।
➤ अधिगम विकास है।
➤ अधिगम अनुकूलन है।
➤ अधिगम सर्वभोमिक है।
➤ अधिगम विवेक पूर्णं है।
➤ अधिगम निरन्तर है।
➤ अधिगम खोज करना है।
➤ अधिगम सक्रिय प्रक्रिया है।
➤ अधिगम व्यक्ति गत एवं सामाजिक होता है।
➤ अधिगम एक नया कार्य है।
➤ अधिगम अनुभवों का संगठन हैै ।
➤ अधिगम वातावरण की उपज है।
➤ अधिगम अधिगम विकास है।
➤ अधिगम स्वाभिक प्रक्रिया नहीं है।
➤ अधिगम सकारात्मक एवं नाकारात्मक दोनो प्रकार का होता है।
➤ अधिगम अधिगम से ही सर्वागींण विकास संभव है।
➤ अधिगम सदैव नवीन नहीं होता है।
⇰ अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक व दशाऍं-
➤ वातावरण
➤ परिपक्वता
➤ बालकों का शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य
➤ विषय सामग्री का स्वरूप ।
➤ सीकने का समय एवं थकान ।
➤ प्रेरणा
➤ सीखने की इच्छा
➤ आध्यापक व सीखने की प्रक्रिया।
➤ सीखने की विधि।
➤ सम्पूर्णं परिस्थिति।
👉थार्नडाइक का सिद्धांत [ व्यवहारवादी सिद्धांत ]
➤ थार्नडाइक –
1- अमेरिकी मनोवेज्ञानिक सम्पूर्णं जीवन शिक्षक के रूप में विताया
2- पहले मनोवेज्ञानिक हैं जिन्हे पशु पर अध्ययन किया।
3- पशु मनोविज्ञान का जनक भी कहा जाता हैै।
4- शिक्षा के क्षेत्र में अधिगम के सर्वप्रथम सिद्धांत दिये।
5- प्रथम शैक्षिक मनोवेज्ञानिक भी कहा जाता है।
👉प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत
1.थार्नडाइक —-अमेरिकी वैज्ञानिक
2.थार्नडाइक—- पशु मनोवैज्ञानिक
3.इन्हें प्रथम – शैक्षिक मनोवैज्ञानिक कहा जाता है
4.नियम-
प्रमुख नियम -3
गौण नियम – 5
5.थ्योरी S-R थ्योरी
👉थार्नडाइक के सिद्धांत
1. संबंध वाद का सिद्धांत
2. प्रयत्न भूल का सिद्धांत
3. प्रयास व त्रुटि का सिद्धांत
4. उद्दीपन अनुक्रिया का सिद्धांत
5. आवृति [बार-बार ] का सिद्धांत
6. S-R Bond का सिद्धांत
7.सम्बन्धवाद का सिद्धांत
8.अधिगम का बन्ध सिद्धांत
➤अधिगम के समय उत्तरोत्तर होता है
➤अधिगम अनुबंध का परिणाम है
प्रयोग बिल्ली
महत्वपूर्ण भूखी बिल्ली
मृत मछली
अनुक्रिया करता R बिल्ली
उद्दीपक S मृता मछली
👉प्रयोग
➤कई बार भूखी बिल्ली पिंजड़े में अनेक या करती है अचानक लीवर पर पंजा मारा और लक्ष्य प्राप्त किया।
➤अनुप्रिया के द्वारा उद्दीपन को प्राप्त करने की क्रिया को प्राणी सीख जाता है तो अनुबंधन कहलाता है
👉थार्नडाइक के नियम
1. मुख्य नियम (तीन प्रकार)
2. गौड नियम (पांच प्रकार)
👉मुख्य नियम
1. अभ्यास का नियम
2. तत्परता का नियम
3. प्रभाव का नियम
1. तत्परता का नियम :-
यह नियम कार्य करने से पूर्व तत्पर या तैयार किए जाने पर बल देता है। यदि हम किसी कार्य को सीखने के लिए तत्पर या तैयार होता है, तो उसे शीघ्र ही सीख लेता है। तत्परता में कार्य करने की इच्छा निहित होती है। ध्यान केंद्रित करने मेँ भी तत्परता सहायता करती है।
उदाहरण – घोडे को पानी के तालाब तक ले जाया तो जा सकता है लेकिन पानी पीने के िलिए बाध्य नहीं किया जा सकता क्योंकि घोडा पानी पीने के लिए तत्पर नहीं है।
2. अभ्यास का नियम :-
करत-करत अभ्यास ते जडमति होत सुजान
यह नियम किसी कार्य या सीखी गई विषय वस्तु के बार-बार अभ्यास करने पर बल देता है। यदि हम किसी कार्य का अभ्यास करते रहते है, तो उसे सरलतापूर्वक करना सीख जाते है। यदि हम सीखे हुए कार्य का अभ्यास नही करते है, तो उसको भूल जाते है।
➤ उपयोग का नियम – यदि कोई कार्य पहले किया हुआ है और जब उसको दुबार किया जाता है तो वह हमारे मस्तिष्क में पुन: आ जाता है अर्थात स्थाई हो जाता है।
➤अनुप्रयोग का नियम- यदि किसी कार्य को पुन: नहीं करते है तो हमारा मस्तिष्क उसे भुला देता है।
3. प्रभाव (परिणाम) का नियम :-
इस नियम को सन्तोष तथा असन्तोष का नियम भी कहते है। इस नियम के अनुसार जिस कार्य को करने से प्राणी को सुख व सन्तोष मिलता है, उस कार्य को वह बार-बार करना चाहता है और इसके विपरीत जिस कार्य को करने से दुःख या असन्तोष मिलता है, उस कार्य को वह दोबारा नही करना चाहता है।
👉गौंण नियम :-
1. बहु प्रतिक्रिया
2 मनो प्रवृत्ति
3.आंशिक क्रिया
4.आत्मा किरण
5.साहचर्य क्रिया नियम
1. बहु-प्रतिक्रिया का नियम :-
इस नियम के अनुसार जब प्राणी के सामने कोई परिस्थिति या समस्या उत्पन्न हो जाती है तो उसका समाधान करने के लिए वह अनेक प्रकार की प्रतिक्रियाएं करता है,और इन प्रतिक्रियाएं को करने का क्रम तब तक जारी रहता है जब तक कि सही प्रतिक्रिया द्वारा समस्या का समाधान या हल प्राप्त नहीं हो जाता है। प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत इसी नियम पर आधारित हैं।
2. मनोवृत्ति का नियम :-
इस नियम को मानसिक विन्यास का नियम भी कहते है। इस नियम के अनुसार जिस कार्य के प्रति हमारी जैसी अभिवृति या मनोवृति होती है, उसी अनुपात में हम उसको सीखते हैं। यदि हम मानसिक रूप से किसी कार्य को करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो या तो हम उसे करने में असफल होते हैं, या अनेक त्रुटियाँ करते हैं या बहुत विलम्ब से करते हैं।
3. आंशिक क्रिया का नियम :-
इस नियम के अनुसार किसी कार्य को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करने से कार्य सरल और सुविधानक बन जाता है। इन भागों को शीघ्रता और सुगमता से करके सम्पूर्ण कार्य को पूरा किया जाता है। इस नियम पर ‘अंश से पूर्ण की ओर’ का शिक्षण का सिद्धांत आधारित किया जाता है।
4. सादृश्यता अनुक्रिया का नियम :-
इस नियम को आत्मीकरण का नियम भी कहते है। यह नियम पूर्व अनुभव पर आधारित है। जब प्राणी के सामने कोई नवीन परिस्थिति या समस्या उत्पन्न होती है तो वह उससे मिलती-जुलती परिस्थिति या समस्या का स्मरण करता है, जिसका वह पूर्व में अनुभव कर चुका है। वह नवीन ज्ञान को अपने पर्व ज्ञान का स्थायी अंग बना लेते हैं।
5. साहचर्य परिवर्तन का नियम :-
इस नियम के अनुसार एक उद्दीपक के प्रति होने वाली अनुक्रिया बाद में किसी दूसरे उद्दीपक से भी होने लगती है। दूसरे शब्दों में, पहले कभी की गई क्रिया को उसी के समान दूसरी परिस्थिति में उसी प्रकार से करना । इसमें क्रिया का स्वरूप तो वही रहता है, परन्तु परिस्थिति में परिवर्तन हो जाता है।थार्नडाइक ने पावलव के शास्त्रीय अनुबन्धन को ही साहचर्य परिवर्तन के नियम के रूप में व्यक्त किया।
👉थार्नडाइक के सीखने के सिद्धांत का शैक्षिक महत्व
1- बडे व मन्दबुद्धि बालकों के लिए उपयोगी।
2- धैर्य व परिश्रम के गुणों का विकास।
3- सफलता के प्रति आशा।
4- कार्य की धारणा स्पष्ट।
5- शिक्षा के प्रति रूचि।
6- गणित विज्ञान समाजशास्त्र विषयों के लिए उपयोगी।
7- अनुभवों से लाभ उठाने की क्षमता का विकास ।
👉पुनर्बलन का सिद्धांत या हल का सिद्धांत
C.L हल
निवासी – USA
यह सिद्धांत क्लार्क एस हल के द्वारा दिया गया। इनके अनुसार आवश्यकता (Need) अधिगम का आधार है अथार्त आवश्यकता ही चालक (Drive) है। आवश्यकता पूरी होते ही चालक कम हो जाता है जिससे अधिगम की दर कम होने लगती है।
Note- इन्होने यह सिद्धांत थार्नडाइक व पावलाव पद्धति पर दिया है। सन 1915 में अपनी पुस्तक Principles Behavere मेंं यह सिद्धांत दिया।
➤ यह सिद्धांत आवाश्यकता पर बल देता है।
➤ प्रयोग – बिल्ली / चूहे थार्नडाइक पद्धति पर आधारित था।
➤ हल के अनुसार सीखना आवाश्यकता की पूर्ति की प्रक्रिया के द्वारा होता है।
👉यह सिद्धांत आवश्यकता पर बल देता है.
हल के अनुसार सीखना आवश्यकता की पूर्ति की प्रक्रिया के द्वारा होता है हल ने इस सिद्धान्त की व्याख्या करते समय बताया कि प्रत्येक प्राणी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करता है। सीखने का आधार किसी आवश्यकता की पूर्ति की प्रक्रिया में होता है अर्थात कोई भी प्राणी उसी कार्य को सीखता है जिसमें उसकी किसी आवश्यकता की पूर्ति होती है।
➤ स्किनर ने हल् के इस सिद्धांत को अधिगम का सर्वश्रेष्ठ सिद्धांत बताया है क्योंकि यह आवश्यकता व प्रेरणा पर बल देता है इसलिए शिक्षार्थी को प्रेरित करके ही सिखाया जाता है.
👉पुनर्बलन का शैक्षिक महत्व:-
➤ बालक को प्रेरित किया जाता है।
➤ यह सिद्धांत पाठ्यक्रम बनाते समय विद्यार्थियों की आवश्यकता पर बल देता है।
➤ यह सिद्धांत कक्षा में पढ़ाए जाने वाले प्रकरणों के उद्देश्यों को स्पष्ट करने पर बल देता है।
➤ पुरष्कार की व्यवस्था को समझाता है।
➤ पुनर्बलन से उद्देश्य व लक्ष्य स्पष्ट होते हैं।
👉पुनर्बलन सिद्धांत के उपनाम:-
➤ प्रबलन का सिद्धांत
➤ अंतरनाद न्यूनता का सिद्धांत
➤ सबलीकरण का सिद्धांत
➤ यथार्थ अधिगम का सिद्धांत
➤ सतत अधिगम का सिद्धांत
➤ क्रमबद्ध अधिगम का सिद्धांत
➤ चालक न्यूनता का सिद्धांत।
Note- B.F स्कीनर अपने सिद्धांतों में पुनर्बलन को महत्ब दिया।
👉मिलर एवं डॉलार्ड का प्रयोग (Experiment of Miller & Dollard)
मिलर एवं डॉलार्ड ने छः वर्ष की एक लड़की पर प्रयोग किया जब लड़की भूखी थी तो उसे बताया गया की किताबों की अलमारी में एक किताब के नीचे कैंडी छिपी हुई है।
लड़की कैंडी को पाने के लिए किताबों को बाहर निकालना शुरू कर देती है। और लगभग 210 सेकंड के बाद वह सही किताब पा लेती जिसके नीचे कैंडी छुपी है।
इसके पश्चात उसे कमरे से बाहर भेज दिया जाता है। और उसी किताब के नीचे एक अन्य कैंडी को छिपा दिया जाता है। इस बार वह लड़की कैंडी को 86 सेकंड में ही ढूंढ लेती है।
इस प्रयोग को बार-बार दोहराने पर नौवें पुनरावृत्ति पर वह लड़की तुरंत 2 सेकंड में ही उस कैंडी उस पा लेती है।
कैंडी को पाना लड़की के लिए चालक (Drive) का प्रदर्शन है और पुस्तकों के नीचे कैंडी को ढूँढना उस चालक को कम करने के लिए की गयी अनुक्रिया (Response) है।
अंततः सही पुस्तक मिलने पर उसे अनुक्रिया के लिए पुरस्कार मिला जिसके कारण उसकी आदत बना गई।
पावलाव का अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत
प्रतिपादक- I.P पावलाव
निवासी – रूस
सिद्धांत- 1904
प्रयोग – कुत्ते पर
अनुबंधन का जनक – इवान पी पावलाव
➤ रूसी शरीर शास्त्री मनोवेैज्ञानिक थे।
➤ अनुबंधन का जनक
➤ 1904 मेंं पाचन क्रिया पर शोध किया ।
➤ शोध कुत्ते पर किया गया एवं निष्कर्ष निकाला कि जब कुत्ते को भोजन दिया जाता है तो उसकी लार में वृद्धि होती है।
➤ पाचन क्रिया पर किये गये शोध के कारण 1904 में नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया।
U.C.S – Unconditional Sitimulus [ स्वभाविक उदृीपक भोजन ]
C.S – Conditional Sitimulus [ अस्वभाविक उदृीपक घण्टी ]
U.C.R – Unconditional Response [ स्वभाविक अनुक्रिया लार]
U.C.R – Unconditional Response [ अस्वभाविक अनुकूलित अनुक्रिया / अनुबंधन ]
👉 अनुकूलित अनुक्रिया का अभिप्राय – अस्वभाविक उदृीपक के प्रति स्वभाविक अनुक्रिया होना ।
👉 उपनाम-
➤ शरीर शास्त्री का सिद्धांत
➤ शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत
➤ क्लासिकल सिद्धांत / क्लासिकल अनुबंधन
➤ अनुबंधित अनुक्रिया का सिद्धांत
➤ सम्बन्ध प्रतिक्रिया का सिद्धांत
➤ अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत
➤ अस्वभाविक अनुक्रिया का सिद्धांंत
👉 अनुबंधन की शर्तें-
➤ UCS और CS को प्रस्तुत करने का निश्चित क्रम होना चाहिए समाय लगभग 2-5 सेकेण्ड।
➤ UCS को CS से अधिक प्रभावशाली होना चाहिए [ भोजन को घण्टी की तुलना में अधिक प्रभावशाली होना चाहिए तभी अनुबंधन होगा ]
➤ कोई बाहरी अवरोध न हो।
➤ अनुबंधन की दशाऐं अनुकूल हों।
👉 अनुबंधन के नियम –
➤ उत्तेजना-
UCS+CS को बार-बार प्रस्तुत करने पर प्राणीं में उत्तेजना उत्पन्न होती है
कुत्ते के पहले चरण में – UCS————-UCR
कुत्ते के दूसरे चरण में – CS+UCS——–UCR
कुत्ते के तीसरे चरण में – CS—————CR
➤ विलोपन का नियम-
अनुबंधन के बाद यदि प्राणी के सामने CS प्रस्तुत करने पर प्राणी के मूँह से CR प्रस्तुत नही करता है इस प्रक्रिया को विलोपन कहतेे है।
घण्टी+भोजन ——- लार
घण्टी CS ————लार CR
घण्टी CS ————लार CR
घण्टी CS ————लार CR
एक स्थिति ऐसी आयेगी जब घण्टी CS बजाने पर लार CR उत्पन्न नहीं होगी अर्थात अनुबंधन का विलोपन हो जायेगा।
➤ स्वत: पुर्नलाभ –
अनुबंधन के बाद विलोपन होता है और िविलोपन के बाद प्राणी के सामने कभी कभी CS प्रस्तुत करने पर प्राणी CR प्रस्तुत कर देता है इस प्रक्रिया को स्वत: पुर्नलाभ कहा जाता है।
घण्टी+भोजन ——- लार
घण्टी CS ————लार CR
घण्टी CS ————लार CR
घण्टी CS ————XXXXX विलोपन
कुछ समय पश्चात
घण्टी CS ————लार CR [ स्वत: पुर्नलाभ ]
➤ उदृीपक समान्यीकरण –
कुत्ता / कोई भी प्राणी अनुबंधन के बाद उद़दीपक से मिलते जुलते अन्य उदृृीृपकों के प्रति भी विभिन्न प्रकार की अनुक्रिया करता है इस अनुक्रिया को हम उदृीपक सामान्यीकरण कहतेे हैं।
➤ उदृीपक विभेदन –
अब प्राणी मूल्य CS और अन्य CS में अंतर करना सीख लेता तो इसे अदृदीपक विभेदन कहते हैं।
➤ वाहय अवरोध –
किसी भी प्रकार के बाहरी अवरोध होने पर अनुबंधन धीरे हो जाता है।
➤ कालिक क्रम –
UCS एवं CS को प्रस्तुत करने के क्रम / समय निश्चित होना चाहिए।
घण्टी [2-5 Sec.] भोजन ——- लार
👉 शैक्षिक महत्व –
➤ भय निवारण में सहायक
➤ स्वभाव व आदत निमार्ण में सहायक
➤ सामाजिकरण में सहायक
➤ अभिव़त्ति विकास में सहायक
➤ अनुशासन विकसित करने मे सहायक
➤ गणित शिक्षण में सहायक
मनोविज्ञान के सिद्धान्त व जनक / प्रतिपादक
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👉 आधुनिक मनोविज्ञान के जनक ➠ विलियम वुण्ट
👉 आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा ➠ विलियम जेम्स
👉 शिक्षा-मनोविज्ञान के जनक ➠ एडवर्ड थार्नडाइक
👉 प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत ➠ थार्नडाइक
👉 प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत ➠ थार्नडाइक
👉 संयोजनवाद का सिद्धांत ➠ थार्नडाइक
👉 उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत ➠ थार्नडाइक
👉 S-R थ्योरी के जन्मदाता ➠ थार्नडाइक
👉 अधिगम का बन्ध सिद्धांत ➠ थार्नडाइक
👉 संबंधवाद का सिद्धांत ➠ थार्नडाइक
👉 प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत ➠ थार्नडाइक
👉 बहुखंड या बहुतत्व बुद्धि का सिद्धांत➠थार्नडाइक
👉 बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक ➠ अल्फ्रेडबिने एवं साइमन |-
👉 बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता ➠ अल्फ्रेडबिने
👉 एकखण्ड बुद्धि का सिद्धांत ➠ अल्फ्रेडबिने
👉 दो खंड बुद्धि का सिद्धांत ➠ स्पीयरमैन
👉 तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत ➠ स्पीयरमैन
👉 सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक ➠ स्पीयरमैन
👉 बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत ➠ स्पीयरमैन
👉 त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत ➠ गिलफोर्ड
👉 बुद्धि संरचना का सिद्धांत ➠ गिलफोर्ड
👉 समूह खंडबुद्धि का सिद्धांत ➠ थर्स्टन
👉 युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक ➠ थर्स्टन
👉 क्रमबद्ध अन्तराल विधि के प्रतिपादक ➠ थर्स्टन
👉 समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक ➠ थर्स्टन व चेव
👉 न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत➠ थॉमसन
👉 पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत ➠ बर्ट एवं वर्नन
👉 तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत ➠ आर. बी.केटल
👉 प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धान्त के प्रतिपादक ➠ आर. बी.केटल
👉 बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत ➠ हैब
👉 बुद्धि इकाई का सिद्धांत ➠ स्टर्न एवं जॉनसन
👉 बुद्धिलब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक ➠ विलियम स्टर्न तथा कुहलमान (1912)
👉 संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक ➠ विल्हेल्म मैक्सिमिलन वुन्ट और शिष्यटिंचनर
👉 प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक ➠ विल्हेम वुण्ट-1879 में लिपजिग जर्मनी में पहली प्रयोगशाला
👉 विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक ➠ जीन पियाजे
👉 संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत ➠ जीन पियाजे
👉 मूल प्रवृत्तियों के सिद्धांत के जन्मदाता ➠ विलियम मैक्डूगल
👉 हार्मिक का सिद्धांन्त ➠ विलियम मैक्डूगल
👉 मनोविज्ञान – मन मस्तिष्क का विज्ञान ➠ पोंपोनोजी
👉 क्रिया-प्रसूत अनुबंधन का सिद्धांन्त ➠ B F स्किनर
👉 सक्रिय अनुबंधन का सिद्धांन्त➠ B F स्किनर
👉 अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत ➠ इवान पेट्रोविच पावलव (I P Pavlov)
👉 संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत ➠ I P पावलव
👉 शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत ➠ इवान पेट्रोविच पावलव
👉 प्रतिस्थापक का सिद्धांत ➠ इवान पेट्रोविच पावलव
👉 प्रबलन (पुनर्बलन) का सिद्धांत ➠ सी. एल. हल
👉 व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत ➠ सी. एल. हल
👉 सबलीकरण का सिद्धांत ➠ सी. एल. हल
👉 संपोषक का सिद्धांत ➠ सी. एल. हल
👉 चालक / अंतर्नोद (प्रणोद) का सिद्धांत ➠ सी. एल. हल
👉 अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त ➠ कोहलर
👉 सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत ➠ कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का
👉 गेस्टाल्टवाद सम्प्रदाय के जनक ➠ कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का
👉 क्षेत्रीय सिद्धांत ➠ कुर्त लेविन
👉 तलरूप कासिद्धांत ➠ कुर्त लेविन
👉 समूह गतिशीलतासम्प्रत्यय के प्रतिपादक ➠ कुर्त लेविन
👉 सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत ➠ गुथरी
👉 साईन (चिह्न) का सिद्धांत ➠ टॉलमैन
👉 सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक ➠ टॉलमैन
👉 अग्रिम संगठकप्रतिमान के प्रतिपादक ➠ डेविड आसुबेल
👉 भाषायीसापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक ➠ व्हार्फ
👉 मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक ➠ जोहन बी. वाटसन
👉 अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक ➠ क्लार्क हल
👉 सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक ➠ अल्बर्ट बण्डूरा
👉 पुनरावृत्ति का सिद्धांत ➠ जी स्टेनले हॉल
👉 अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक ➠ गेने
👉 मनोसामाजिकविकासकासिद्धांत ➠ एरिकएरिक्सन
👉 प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत ➠ जान ड्यूवी
👉 अधिगम मनोविज्ञान का जनक ➠ हर्मन इबिन हॉस
👉 आधुनिक मनोविज्ञान के प्रथम मनोवैज्ञानिक ➠ डेकार्टे
👉 किन्डरगार्टन विधि के प्रतिपादक ➠ फ्रोबेल
👉 डाल्टन विधि के प्रतिपादक ➠ मिस हेलेन पार्कहर्स्ट
👉 मांटेसरी विधि के प्रतिपादक ➠ मैडम मारिया मांटेसरी
👉 संज्ञानात्मक आन्दोलन के जनक ➠ अल्बर्ट बांडूरा
👉 गेस्टाल्टवाद (1912) ➠ कोहलर, कोफ्का, वर्दीमर व लेविन
👉 संरचनावाद (1879) ➠ विलियम वुंट
👉 व्यवहारवाद (1912) ➠ जे. बी. वाटसन
👉 मनोविश्लेशणवाद (1900) ➠ सिगमंड फ्रायड
👉 विकासात्मक/संज्ञानात्मक ➠ जीन पियाजे
👉 संरचनात्मक अधिगम की अवधारणा ➠ जेरोम ब्रूनर
👉 सामाजिक अधिगम सिद्धांत (1986) ➠ अल्बर्ट बांडूरा
👉 संबंधवाद (1913) ➠ थार्नडाईक
👉 अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत (1904) ➠ पावलव्
👉 क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत (1938) ➠ स्किनर
👉 प्रबलन/पुनर्बलन सिद्धांत (1915) ➠ हल
👉 अन्तर्दृष्टि/सूझ सिद्धांत (1912) ➠ कोहलर
👉 विकास के सामाजिक प्रवर्तक ➠ एरिक्सन
👉 प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत ➠ जान ड्यूवी
👉 अधिगम मनोविज्ञान का जनक ➠ एविग हास
👉 अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक ➠ जेरोम ब्रूनर
👉 संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत ➠ जेरोम ब्रूनर
👉 सामान्यीकरण का सिद्धांत ➠ सी. एच. जड
👉 शक्ति मनोविज्ञान का जनक ➠ वॉल्फ
👉 अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत ➠ बगले
👉 भाषा विकास का सिद्धांत ➠ चोमस्की
👉 माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत ➠ मैस्लो (मास्लो)
👉 स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत ➠ मैस्लो (मास्लो)
👉 आत्मज्ञान का सिद्धांत ➠ मैस्लो (मास्लो)
👉 उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत ➠ डेविड सी.मेक्लिएंड
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👉 शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक ➠ आलपोर्ट
👉 व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत ➠ हेनरी मुरे
👉 कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक ➠ मोर्गन व मुरे
👉 प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) विधि के प्रतिपादक ➠ मोर्गन व मुरे
👉 बाल -अन्तर्बोध परीक्षण (C.A.T.) विधि के प्रतिपादक ➠ लियोपोल्ड बैलक
👉 रोर्शा स्याही ध्ब्बा परीक्षण (I.B.T.) विधि के प्रतिपादक ➠ हरमन रोर्शा
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👉 अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त ➠ कोहलर
👉 क्षेत्रीय सिद्धांत ➠ लेविन
👉 तलरूप का सिद्धांत ➠ लेविन
👉 समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक ➠ लेविन
👉 सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत ➠ गुथरी
👉 साईन(चिह्न) का सिद्धांत ➠ टॉलमैन
👉 सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक ➠ टॉलमैन
👉 अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक ➠ डेविड आसुबेल
👉 भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक ➠ व्हार्फ
👉 मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक ➠ जोहन बी. वाटसन
👉 अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक ➠ क्लार्क
👉 सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक ➠ अल्बर्ट बाण्डूरा
👉 पुनरावृत्ति का सिद्धांत ➠ स्टेनले हॉल
👉 अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक ➠ गेने
👉 विकास के सामाजिक प्रवर्तक ➠ एरिक्सन
👉 प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत ➠ जान ड्यूवी
👉 अधिगम मनोविज्ञान का जनक ➠ एविग हास
👉 अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक ➠ जेरोम ब्रूनर
👉 संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत ➠ जेरोम ब्रूनर
👉 सामान्यीकरण का सिद्धांत ➠ सी. एच. जड
👉 शक्ति मनोविज्ञान का जनक ➠ वॉल्फ
👉 अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत ➠ बागले
👉 भाषा विकास का सिद्धांत ➠ चोमस्की
👉 माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत ➠ मैस्लो (मास्लो)
👉 स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत ➠ मैस्लो (मास्लो)
👉 आत्मज्ञान का सिद्धांत ➠ मैस्लो (मास्लो)
👉 उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत ➠ डेविड सी.मेक्लिएंड
👉 प्रोत्साहन का सिद्धांत ➠ बोल्स व काफमैन
👉 शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक ➠ आलपोर्ट
👉 व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत ➠ हेनरी मुरे
👉 कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक ➠ मोर्गन व मुरे
👉 प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) विधि के प्रतिपादक ➠ मोर्गन व मुरे
👉 बाल-अन्तर्बोध परीक्षण (C.A.T.) विधि के प्रतिपादक ➠ लियोपोल्ड बैलक
👉 रोर्शा स्याही ध्ब्बा परीक्षण (I.B.T.) विधि के प्रतिपादक ➠ हरमन रोर्शा
👉 वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.)विधि के प्रतिपादक ➠ पाईन व टेंडलर
👉 व्यवहार परीक्षण विधि के प्रतिपादक ➠ मे एवं हार्टशार्न
👉 किंडरगार्टन(बालोद्यान ) विधि के प्रतिपादक ➠ फ्रोबेल
👉 खेल प्रणाली के जन्मदाता ➠ फ्रोबेल
👉 मनोविश्लेषण विधि के जन्मदाता ➠ सिगमंड फ्रायड
👉 स्वप्न विश्लेषण विधि के प्रतिपादक ➠ सिगमंड फ्रायड
👉 प्रोजेक्ट विधि के प्रतिपादक ➠ विलियम हेनरी क्लिपेट्रिक
👉 मापनी भेदक विधि के प्रतिपादक ➠ एडवर्ड्स व क्लिपेट्रिक
👉 डाल्टन विधि की प्रतिपादक ➠ मिस हेलेन पार्कहर्स्ट
👉 मांटेसरी विधि की प्रतिपादक ➠ मेडम मारिया मांटेसरी
👉 डेक्रोली विधि के प्रतिपादक ➠ ओविड डेक्रोली
👉 विनेटिका(इकाई) विधि के प्रतिपादक ➠ कार्लटन वाशबर्न
👉 ह्यूरिस्टिक विधि के प्रतिपादक ➠ एच. ई. आर्मस्ट्रांग
👉 समाजमिति विधि के प्रतिपादक ➠ जे. एल. मोरेनो
👉 स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण विधि के प्रतिपादक ➠ फ़्रांसिस गाल्टन
👉 स्टेनफोर्ड- बिने स्केल परीक्षण के प्रतिपादक ➠ टरमन
👉 पोरटियस भूल-भुलैया परीक्षण के प्रतिपादक ➠ एस.डी. पोरटियस
👉 बुद्धि के द्विकारक सिद्धान्त के प्रतिपादक ➠ स्पीयर मेन
👉 बुद्धि लब्धि का सम्प्रत्यय ➠ विलियम स्टर्न (जर्मन मनोवैज्ञानिक)
👉 अभ्याास प्रश्न
1- पुनर्बलन का सिद्धांत ————– से सम्बन्धित है।
[a] पावलाव
[b] थॉर्नडाइक
[c] कोहलबर्ग
[d] स्किनर
Correct Answer-
[d] स्किनर
2- सीखने का अन्तर्दृस्टि सिद्धांत किसने दिया।
[a] विकासवादी
[b] व्यवहारवादी
[c] रचनावादी
[d] संज्ञानवादी
Correct Answer-
[b] व्यवहारवादी
3- सूझ क्रमिक तथा क्रमबद्ध होती हे किसने कहा है।
[a] कोहलर
[b] वर्दीमर
[c] कोफका
[d] डंकन
Correct Answer-
[d] डंकन
4- अधिगम के संकलन सिद्धांंत के प्रतिपादक थे।
[a] गैने
[b] टॉलमेन
[c] स्किनर
[d] हॉल
Correct Answer-
[a] गैने
5- पावलॉव द्वारा कुत्ते पर िकिए गए प्रयोग में अस्वभाविक उददृीपक निम्नांकित में से कौन था।
[a] घण्टी की आवाज
[b] भोजन
[c] लार स्त्राव करना
[d] इनमें से काई नहीं
Correct Answer-
[b] भोजन
6- पावलॉव द्वारा कुत्ते पर किए गए प्रयोग में अनुबंधित उददृीपक निम्नांकित में से कौन था।
[a] घण्टी की आवाज
[b] भोजन
[c] लार स्त्राव करना
[d] इनमें से काई नहीं
Correct Answer-
[a] घण्टी की आवाज
7- पावलॉव ने सीखने के अनुबन्ध-प्रतिक्रिया सिद्धांत का प्रतिपादन——-पर प्रयोग करके किया था।
[a] खरगोश
[b] चूहे
[c] कुत्ते
[d] बिल्ली
Correct Answer-
[c] कुत्ते
8- चिन्ह / संकेत अधिगम का सिद्धांत किससे सम्बंधित है।
[a] संज्ञानात्मकता
[b] व्यवहारवाद
[c] संज्ञानात्मक पूर्णकार
[d] प्रकार्यवाद
Correct Answer-
[c] संज्ञानात्मक पूर्णकार
9- अधिगम का तलरूप सिद्धांत िदिया –
[a] टॉलमैन ने
[b] लेविन ने
[c] थॉर्नडाइक ने
[d] वाटसन ने
Correct Answer-
[b] लेविन ने
10- क्रियात्मक अनुबंधन सिद्धांत िकिसकी देन माना जाता है।
[a] थॉर्नडाइक
[b] पावलॉव
[c] स्किनर
[d] उपर्युक्त में से कोई नहीं
Correct Answer-
[c] स्किनर
11- S-R सम्बन्ध पाये जाते हैं।
[a] परम्परागत समायोजन में
[b] क्रियाशील समायोजन में
[c] थॉर्नडाइक के सिद्धांत में
[d] इन सभी में
Correct Answer-
[c] थॉर्नडाइक के सिद्धांत में
12- R-R तथा R-S दोनों ही सम्बन्ध पाये जाते हैं।
[a] परम्परागत समायोजन में
[b] क्रियाशील समायोजन में
[c] थॉर्नडाइक के सिद्धांत में
[d] इन सभी में
Correct Answer-
[c] थॉर्नडाइक के सिद्धांत में
13- S प्रकार का अनुबन्धन क्या होता है।
[a] परम्परागत अनुबन्धन
[b] क्रियाशील अनुबन्धन
[c] थॉर्नडाइक का सिद्धांत
[d] सभी
Correct Answer-
[b] क्रियाशील अनुबन्धन
14- परम्परागत अनुबन्धन का सिद्धांत निम्न में से किसने प्रतिपादित िकिया था ।
[a] पावलॉव
[b] स्किनर
[c] थॉर्नडाइक
[d] सभी ने
Correct Answer-
[a] पावलॉव
15- सीखना विकास की प्रक्रिया है । यह कथन किसका है।
[a] गेट्स का
[b] वुडवर्थ का
[c] स्क्निर का
[d] कोहलर का
Correct Answer-
[b] वुडवर्थ का
16- सीखने के उदृदीपक अनुक्रिया सिद्धांत के मुख्य प्रतिपादक कौन है।
[a] थॉर्नडाइक
[b] पावलॉव
[c] कोहलर
[d] स्किनर
Correct Answer-
[a] थॉर्नडाइक
17- सीखने की असफलताओं का कारण समझने की असफलताऍं है । यह कथन किसका है।
[a] पावलॉव
[b] स्किनर
[c] मर्सेल
[d] वुडवर्थ
Correct Answer-
[c] मर्सेल
18- निम्नलिखित में से कौनसा सिद्धांत छात्रों के व्यवहार को वांछित स्वरूप तथा दिशा प्रदान करने में शिक्षकों की सहायता करता है।
[a] अन्तर्दृस्टि का सिद्धांत
[b] प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत
[c] अनुकरण का सिद्धांत
[d] अनुभवजन्य का सिद्धांत
Correct Answer-
[b] प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत
19- अधिगम का कौन सा िसिद्धांत यह बताता है कि सीखने हेतु कार्य को दोहरााना आवश्यक है।
[a] प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत
[b] शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत
[c] अनुभवजन्य का सिद्धांत
[d] अनुकरण का सिद्धांत
Correct Answer-
[c] अनुभवजन्य का सिद्धांत
20- किसी उदृदीपक को निरन्तर िदिये जाने से व्यवहार में होने वाला स्थाई परिवर्तन कहलाता है।
[a] अभ्यस्तता
[b] अधिगम
[c] अस्थायी अधिगम
[d] अभिप्रेरणा
Correct Answer-
[a] अभ्यस्तता
21- व्यवहार में होने वाले स्थाई परीवर्तन जो अभ्यास के कारण होते है को कहा जाता हेै।
[a] सीखना
[b] सोचना
[c] क्रिया करना
[d] कल्पना करना
Correct Answer-
[a] सीखना
22- गैग्ने निम्नलिखित में से किससे सम्बन्धित है।
[a] अधिगम का श्रैणीक्रम
[b] अधिगम के सिद्धांत
[c] अधिगम का मुल्यांकन
[d] अधिगम का प्रबंधन
Correct Answer-
[a] अधिगम का श्रैणीक्रम
23- निम्न में से कौन सी विशेषता परिपक्वता को अधिगम को अलग करती है।
[a] यह एक वास्तिविक क्रिया हेै
[b] यह अभ्यास पर निर्भर करती है
[c] यह प्रेरकों पर निर्भर करती है
[d] यह जीवन पर्यान्त चलने वाली प्रक्रिया है
Correct Answer-
[b] यह अभ्यास पर निर्भर करती है
24- अन्तर्दृस्टि अर्थात सुझ के द्वारा सीखने का सिद्धांत गेस्टलवादी मनोवैज्ञानिक की देन है यह सिद्धांत किसके लिए सर्वाधिक उपयोगी है।
[a] मन्दबुद्धि बालकों के लिए
[b] तीव्रबुद्धि बालकों के लिए
[c] पागलों के लिए
[d] अनपढों के लिए
Correct Answer-
[b] तीव्रबुद्धि बालकों के लिए
25- अधिगम का कौन सा सिद्धांत पाठ्यक्रम के विभिन्न अंगों के एकीकरण पर जोर देता है।
[a] उद्दीपक – अनुक्रिया सिद्धांत
[b] संबन्ध – अनुक्रिया सिद्धांत
[c] गेस्टल सिद्धांत
[d] उपरोक्त सभी
Correct Answer-
[c] गेस्टल सिद्धांत
26- अन्तर्दृस्टि द्वारा अधिगम का प्रतिपादन किया था-
[a] गैस्टाल्ट मनोवैज्ञानिकों द्वारा
[b] जीन पियाजे द्वारा
[c] पावलॉव द्वारा
[d] वाइगोत्स्की द्वारा
Correct Answer-
[a] गैस्टाल्ट मनोवैज्ञानिकों द्वारा
27- भूल और प्रयास द्वारा अधिगम के सिद्धांत का प्रतिपादन निम्न में से किसने किया था।
[a] थॉर्नडाइक ने
[b] हेंगाटी ने
[c] कोहलर ने
[d] पियाज नेे
Correct Answer-
[a] थॉर्नडाइक ने
28- निम्न में से किस मनोवैज्ञानिक ने अधिगम का अनुबंधित अनुक्रिया सिद्धांत का प्रतिपादन किया ।
[a] पावलॉव
[b] थॉर्नडाइक
[c] लॉयड मॉंर्गन
[d] एलेक्जेण्डर
Correct Answer-
[a] पावलॉव
29- गेस्टालवादियों के अनुसार अन्तर्दृष्टि को प्रभावित करती है।
[a] बुद्धि
[b] समस्या की रचना
[c] प्रत्यक्षीकरण
[d] उक्त सभी
Correct Answer-
[d] उक्त सभी
30- कोहलर ने अपना अधिगम सिद्धांत प्रतिपादित करने के लिए प्रयोग किया ।
[a] अलबर्ट नामक बन्दर पर
[b] अलबर्ट नामक चिम्पैंजी पर
[c] सुल्तान नामक बन्दर पर
[d] सुल्तान नामक चिम्पैंजी पर
Correct Answer-
[d] सुल्तान नामक चिम्पैंजी पर
31- छ:वनमानुष व केलों का प्रयोग किया था।
[a] कोहलर ने
[b] स्किनर ने
[c] गूड ने
[d] डेविस ने
Correct Answer-
[a] कोहलर ने
32- सूझ वास्तविक स्थिति का आकस्मिक , निश्चित और तात्कालिक ज्ञान है यह कथन है-
[a] कोहलर का
[b] स्किनर का
[c] गुड का
[d] डेविस का
Correct Answer-
[c] गुड का
33- गेस्टालवादियों ने परिस्थिति के सही प्रात्यक्षिकरण को क्या कहा है ।
[a] प्रात्यक्षिक स्थर्य
[b] प्रात्यक्षिक सुरक्षा
[c] अन्तर्दृस्टि
[d] प्रात्यक्षिक सतर्कता
Correct Answer-
[c] अन्तर्दृस्टि
34- थॉर्नडाइक थे-
[a] ब्रिटेन के
[b] अमेरिका के
[c] भारत के
[d] रूस के
Correct Answer-
[b] अमेरिका के
35- स्किनर ने नैमित्तिक अनुबन्धन सम्बन्धी प्रयोग किस पर किया था।
[a] बिल्ली पर
[b] चूहे पर
[c] कुत्ते पर
[d] बन्दर पर
Correct Answer-
[b] चूहे पर
36- नैमित्तिक अनुबन्धन को अन्य किस नाम से जाना जाता है।
[a] शास्त्रीय अनुबन्धन
[b] पावलॉवियन अनुबन्धन
[c] प्राचीन अनुबन्धन
[d] क्रिया – प्रसूत अनुबन्धन
Correct Answer-
[d] क्रिया – प्रसूत अनुबन्धन
37- निम्नलिखित युग्मोंं में से असत्य युग्म कौन सा है।
[a] स्किनर – चूहा
[b] थॉर्नडाइक- बिल्ली
[c] पावलॉव – कुत्ता
[d] कोहलर – कबूतर
Correct Answer-
[d] कोहलर – कबूतर
38- ऐसे व्यवहार जो ज्ञात एवं िनिश्चित उदृदीपकों द्वारा होते हैं। उन्हेंं कहते है।
[a] घटित व्यवहार
[b] प्रतिकृत व्यवहार
[c] प्रत्यक्ष व्यवहार
[d] अप्रत्यक्ष व्यवहार
Correct Answer-
[b] प्रतिकृत व्यवहार
39- थॉर्नडाइक के प्रयोग में िबिल्ली के िलिए पुरस्कार स्वरूप था-
[a] उलझन बाक्स
[b] प्रयोगकर्ता
[c] भोजन
[d] उपर्युक्त में से कोई नहीं
Correct Answer-
[c] भोजन
40- थॉर्नडाइक के प्रयत्न एवं त्रुटि सिद्धांत में किस पर विशेष बल नहीं दिया गया है।
[a] प्रेरणा
[b] अभ्यास
[c] समझ
[d] उपर्युक्त में से कोई नहीं
Correct Answer-
[c] समझ
41- व्यवहार में उत्तरोत्तर अनुकूलन की प्रक्रिया ही अधिगम है। यह किसने कहा है ।
[a] वुडवर्थ ने
[b] थॉर्नडाइक
[c] ई.ए.पील
[d] स्किनर
Correct Answer-
[d] स्किनर
42- पर्यवेक्षण अधिगम इनमे से किसकी देन है।
[a] स्किनर
[b] थॉर्नडाइक
[c] वाटसन
[d] बाण्डुरा
Correct Answer-
[c] वाटसन
43- निम्नलिखत में से किस अधिगम प्रणाली में मानव मस्तिष्क का सबसे अधिक प्रयोग होता है।
[a] अनुकरण
[b] अनुबन्धन
[c] प्रयत्न या भूल
[d] अन्तर्दृस्टि
Correct Answer-
[d] अन्तर्दृस्टि
44- टाॅलमैन ने सीखने को किन दोनो के बीच साहचर्य स्थापित होना माना है।
[a] उद्दीपक – अनुक्रिया
[b] अनुक्रिया – अनुक्रिया
[c] 1 व 2 दोना
[d] उपर्युक्त में से कोई नहीं
Correct Answer-
[a] उद्दीपक – अनुक्रिया
45- अन्तर्दृस्टि कैसी होती है।
[a] आकस्मिक
[b] धीरे-धीरे
[c] अनिश्चित
[d] उपर्युक्त में से कोई नहीं
Correct Answer-
[a] आकस्मिक
46- क्लासिकी अनुबन्धन का प्रवर्तक कौन है।
[a] थॉर्नडाइक
[b] स्किनर
[c] हल
[d] पावलॉव
Correct Answer-
[a] थॉर्नडाइक
47- डीवी सीखने का आधार किसे मानते हैं।
[a] क्रियाओं को
[b] आत्मा को
[c] बुद्धि को
[d] ज्ञानेन्द्रियों को
Correct Answer-
[a] क्रियाओं को
48- हम करके सीखते है यह किसने कहा है।
[a] डाॅ मेस ने
[b] योक्म ने
[c] कोलेसनिक ने
[d] सिम्पसन ने
Correct Answer-
[a] डाॅ मेस ने
49- सक्रिय अनुबन्धन सिद्धांत को निम्नलिखित रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
[a] उद्दीपक – अनुक्रिया – पुनर्बलन
[b] उद्दीपक – पुनर्बलन – अनुक्रिया
[c] अनुक्रिया – उद्दीपक – पुनर्बलन
[d] उपर्युक्त में से कोई नहीं
Correct Answer-
[a] उद्दीपक – अनुक्रिया – पुनर्बलन
50- अधिगम का साइमन – गेस्टाल्ट सिद्धांत का प्रतिपादन किया है।
[a] रॉबर्ट गैग्ने ने
[b] टॉलमैन ने
[c] वाटसन ने
[d] उपर्युक्त में से कोई नहीं
Correct Answer-
[b] टॉलमैन ने